शिक्षण अधिगम प्रक्रिया :--
teaching learning process
शैक्षिक किसे कहते है :---
जीवन पर्यन्त चलने वाली वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करता है एवं नवीन व्यवहार को ग्रहण करता है।
शैक्षणिक किसे कहते है :---
शिक्षा के लिए की जाने वाली कोई भी व्यवस्था जिसमें सभी तरह के संसाधन आ जाते है शैक्षणिक प्रक्रिया होती है ।
शिक्षण किसे कहते है :---
एक शिक्षक के द्वारा कक्षा-कक्ष में उपस्थित होकर किया जाने वाला कार्य , जिससे वह अपने बालकों में अधिगम करवाता है।
कार्य :-- समस्या ----- समाधान
सोचना , समझना , विचारना इन तीनों से चिन्तन का जन्म होता है फिर समस्या का समाधान होता है ।
शिक्षक -- शिक्षण = कार्य
संसार का प्रत्येक कार्य एक समस्या के रूप में होता है तथा समस्या के समय व्यक्ति समाधान प्राप्ति का प्रयास करता है जिससे वह अपने कार्य को पूर्णता तक ले जा सके ।
मनोविज्ञान के अनुसार समाधान प्राप्ति का साधन चिंतन होता है ।
एक शिक्षक भी जब शिक्षण कार्य करता है तो वह शिक्षण के द्वारा अपनी विषय वस्तु को बालको तक प्रेषित करने का प्रयास करता है जिसके लिए वह सोचता है कि क्या , कितना , किसे और क्यों पढा़ना है । तथा एक उच्च स्तरीय चिंतन के माध्यम से बालकों को अधिगम करवाने का सार्थक प्रयास करता है ।
एक सर्वश्रेष्ठ शिक्षक वह होता है जिसमें आलोचनात्मक चिंतन पाया जाता है तथा उस चिन्तन के द्वारा वह शिक्षक अपने बालकों को सार्थक परिणामों की दिशा प्रदान करता है ।
शिक्षण कार्य कोई सामान्य कार्य नहीं है बल्कि यह तो एक ऐसा कार्य है जो श्रेष्ठता पूर्वक क्रमबद्ध एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के द्वारा विषय वस्तु को बालक तक पहुंचाने की कला है ।
जैसा कि एन.एन. मुखर्जी ने लिखा है --- शिक्षण कार्य प्रत्येक व्यक्ति के चाय के प्याले के समान नहीं है बल्कि यह तो कला और विज्ञान है ।
शिक्षण कार्य शिक्षक के द्वारा किया जाता है परंतु यह तभी संभव है जब इसके लिए सीखने वाला एवं सिखाने वाले के पास विषय वस्तु हो ।
शिक्षण कार्य करते समय कम से कम 2 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है इसलिए शिक्षण कार्य को एक प्रक्रिया माना जाता है इस प्रक्रिया में शिक्षक अपनी विषय वस्तु को बालको तक प्रेषित करता है ।
1. माॅरीसन :--- शिक्षण वह प्रक्रिया है जिसमें अधिक परिपक्व व्यक्ति अन्त: संबंधों द्वारा कम परिपक्व व्यक्ति को सिखाने का प्रयास करता है ।
2. जैक्सन :--- शिक्षण प्रक्रिया के द्वारा परिपक्व व्यक्ति (शिक्षक ) अपरिपक्व व्यक्ति ( शिक्षार्थी ) को अन्त: क्रिया द्वारा शिक्षा प्रदान करता है ।
