प्रमुख राजस्थानी लोक गीत :--
( Major Rajasthani Folk Songs )
राजस्थानी लोक गीत के बारे में निम्न विद्वानों के विचार
1. देवेंद्र सत्यार्थी :-- इनके अनुसार लोकगीत किसी संस्कृति के मुख बोलते चित्र है ।
2. महात्मा गांधी :-- महात्मा गांधी के अनुसार लोकगीत हमारी संस्कृति के पहरेदार है
3. रविंद्र नाथ टैगोर :-- रविंद्र नाथ टैगोर के अनुसार लोकगीत सुखद संदेश ले जाने वाली कला है
4. रामचंद्र शुक्ल :-- इनके अनुसार हमारी संस्कृति लोकगीतों के कंधों पर चढ़कर आई है
इसके साथ ही अब हम राजस्थान के लोकगीतों की चर्चा करेंगे
1. मूमल गीत :-- यह गीत मूमल और महेद्र की प्रेम कथा पर आधारित है
जैसलमेर मारवाड़ क्षेत्र में गाया गया श्रंगार गीत है
इसमें मूमल नायिका का श्रंगार का वर्णन किया गया है
मूमल लोदरवा जैसलमेर की राजकुमारी थी तथा महेंद्र अमरकोट का राजकुमार था
महेंद्र के ऊंट का नाम चितल था
इस गीत के प्रमुख रचनाकार :---
मूमल महेंद्र की प्रेम कथा की रचना :-- मीनाक्षी स्वामी ने की
मुमल नामक ग्रंथ की रचना :-- लक्ष्मी कुमारी चुंडावत ने की
मूमल गीत का प्रसिद्ध गायक कलाकार :-- दापू खां
2. गोरबंद :-- गोरबंद ऊंट के गले का आभूषण है
यह मारवाड़ व शेखावाटी क्षेत्र में गाया जाने वाला श्रंगार गीत है
3. कुरजा :-- कुरजा एक प्रवासी पक्षी है
यह गीत मरू प्रदेश में गाया गया विरह गीत है
इसमें नायिका द्वारा कुरजा पक्षी के माध्यम से नायक को भेजा गया संदेश गीत ।
विवाह गीत :--- राजस्थान में विवाह के समय गाये जाने वाले गीत निम्न है
1. विनायक :-- यह विवाह का प्रथम गीत है विनायक स्थापना के समय गाया जाता है
2. पीटी :--
3. फलसडा़ :-- विवाह के समय मेहमानों का तिलक लगाकर स्वागत करते समय यह गीत गाया जाता है
4. सेंजा :-- अच्छे वर की प्राप्ति के लिए लड़कियां यह गीत गाती है
5. बन्ना - बन्नी :-- विवाह से संबंधित गीत
6. जल्लो :-- वधू पक्ष की महिलाएं जब बारात डेरा देखने जाती है उस समय इस गीत को गाती है
7. कामण :-- जादू टोने से संबंधित गीत । वर वधु को बुरी नजर से बचाने के लिए यह गीत गाया जाता है
8. सीठने :-- इस प्रकार के गीतों में अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है
9. कुकड़लु/झिलमिल :-- दूल्हा जब तोरण मारता है तोरण मारते समय यह गीत गाया जाता है
10. परणेत :-- विवाह के फेरों से संबंधित गीत
11. दुपट्टा :-- दूल्हे की सालियों द्वारा गाया गया गीत
12. ओल्यू :-- यह गीत याद से संबंधित है बेटी की विदाई के समय यह गीत गाया जाता है
13. कोयलड़ी :-- बेटी की विदाई के समय यह गीत गाया जाता है
14. काजलियो :-- भाभी दवारा दूल्हे के काजल निकालते समय यह गीत गाया जाता है
15. पावणा :-- विवाह के पश्चात दामाद प्रथम बार ससुराल आता है तब उसे भोजन कराते समय यह गीत गाया जाता है
16. चिरमी :-- बेटी दवारा ससुराल में भाई और पिता की प्रतीक्षा में गाया गया गीत ।
मृत्यु से संबंधित लोकगीत :---
1. हरजस :-- सामान्य व्यक्ति की मृत्यु पर हरजस गाए जाते हैं
2. छैड़े :-- यह गीत जब गाया जाता है जब कोई नवजात शिशु की मृत्यु हो जाती है
3. मरसिया :-- मारवाड़ क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्ति की मृत्यु पर मरसिया गाए जाते हैं जिसमें उसकी वीरता का वर्णन होता है
दारू से संबंधित गीत :---
1. कलाली :-- इस गीत में दारू बचने वाला और लेने वाला के आपसी संवाद को दर्शाया गया है
2. दारूड़ी :-- पश्चिमी राजस्थान में दारू परोसते समय पेशेवर जातियों द्वारा गाया गया गीत
3. दांका :-- इस गीत में दारू की प्रशंसा की जाती है ।
प्यारे छात्रों अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी है तो हमें कमेंट करके बताइए तो हम आगे और भी प्रमुख राजस्थानी लोकगीत लेकर आएंगे
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