कॉलेजों में 90 हजार स्टूडेंट से 2.70 करोड़ की वसूली: ---
यूनिवर्सिटी साढ़े 7 लाख रुपए देगी,तब भी कॉलेज फॉर्म के नाम पर ले रहे रुपए
शेखावाटी यूनिवर्सिटी से जुड़े निजी व सरकारी कॉलेज डवलपमेंट चार्ज के नाम पर स्टूडेंट्स से अवैध वसूली कर रहे हैं। सीकर व झुंझुनूं के 71 सरकारी और निजी कॉलेज संचालक परीक्षा फॉर्म जमा करने के लिए हर प्राइवेट छात्र से डवलपमेंट फीस के नाम पर 100 रुपए से 500 रुपए तक वसूल रहे हैं। ज्यादातर निजी कॉलेज तो स्टूडेंट्स को शुल्क की रसीद नहीं दे रहे हैं। भास्कर रिपोर्टर ने दो दिन तक सीकर व झुंझुनूं के 50 से ज्यादा कॉलेजों में जाकर ग्राउंड रिपोर्ट की, तो वसूली का सच सामने आया।
दरअसल, शेखावाटी विश्वविद्यालय ने सीकर के 38 और झुंझुनूं में 33 कॉलेजों में प्राइवेट स्टूडेंट्स के फॉर्म लेने के लिए कलेक्शन सेंटर बनाए हैं। इनमें सरकारी और निजी कॉलेज दोनों शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ने तय किया था इन कलेक्शन सेंटर्स को विवि प्रत्येक फॉर्म के लिए आठ रुपए देगा और स्टूडेंट्स से कोई चार्ज नहीं लेना है। चौंकाने वाली बात ये है कि शिकायत मिलने के बाद भी यूनिवर्सिटी के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
एसफआई ने प्रदर्शन किया तो 200-200 रुपए की रसीद काटना शुरू कर दिया।
एसफआई ने प्रदर्शन किया तो 200-200 रुपए की रसीद काटना शुरू कर दिया।
*कलेक्शन सेंटर बनाने में यूनविर्सिटी की 3 बड़ी लापरवाही*
*1. तहसील में सरकारी कॉलेज फिर भी पांच निजी कॉलेजों में बनाए सेंटर*
यूनिवर्सिटी ने ऐसे तहसील मुख्यालयों व कस्बों में भी निजी कॉलेजों को परीक्षा फॉर्म लेने के लिए अधिकृत कर दिया, जहां सरकारी कॉलेज हैं। दांतारामगढ़ तहसील में पांच निजी कॉलेजों अश्विनी बालिका महाविद्यालय, बाय दांतारामगढ़, महर्षि परशुराम पीजी कॉलेज दांता, संकल्प कॉलेज पलसाना, आर्यन महिला महाविद्यालय, शिश्यू रानोली में भी कलेक्शन सेंटर बनाए हैं। नियमानुसार ऐसी जगह निजी कॉलेजों को परीक्षा फॉर्म जमा करने के लिए संग्रहण केंद्र नहीं बनाया जाता था।
*2. पिछले सत्र से दोगुने कलेक्शन सेंटर दिए हैं निजी कॉलेजों में*
विश्वविद्यालय ने प्राइवेट स्टूडेंट्स के परीक्षा फॉर्म एकत्रित करने के लिए इस सत्र में 2020 से ज्यादा निजी कॉलेजों को अधिकृत किया है। भास्कर पड़ताल में सामने आया है कि इस बार पिछले सत्र के मुकाबले दोगुने निजी कॉलेजों को फॉर्म लेने के लिए अधिकृत किया है। जबकि राज्य सरकार ने सीकर और झुंझुनूं के ज्यादातर तहसील मुख्यालय पर सरकारी कॉलेज खोल दिया है।
*3. कॉलेजों को यूनिवर्सिटी दे रही रुपए फिर भी अवैध वसूली कर रहे कॉलेज*
विश्वविद्यालय ने 22 मार्च को जारी पत्र में साफ लिखा है कि स्वयंपाठी परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने से निम्नलिखित निजी महाविद्यालयों को भी मुख्य परीक्षा 2022 के लिए स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के परीक्षा फार्म संग्रहण केंद्र बनाया है। विवि से प्रति स्वयंपाठी परीक्षार्थी आठ रुपए महाविद्यालय को देय है। यदि कोई कॉलेज परीक्षार्थियों से रुपए संग्रहण करेगा तो उसे गैर कानूनी कृत्य माना जाएगा तथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
*विश्वविद्यालय के लिखित निर्देश व कार्रवाई की हिदायत के बाद भी अवैध वसूली*
सरदार पटेल पीजी महाविद्यालय, लोसल में प्राइवेट परीक्षा फॉर्म जमा करवाने आ रहे स्टूडेंट्स से 500-500 रुपए विकास शुल्क के रूप में लिए जा रहे हैं। एमए फाइनल पॉलिटिकल की प्राइवेट छात्रा सरोज कुमारी, एमए फाइनल के प्रेमचंद, एमए फाइनल की प्रावइेट स्टूडेंट सरिता कुमारी से से कॉलेज डवलपमेंट चार्ज के नाम पर 500-500 रुपए लिए गए। इन्हें रसीद भी दी।
श्री श्रद्धानाथ पीजी कॉलेज गुढ़ागौड़जी ने बीएससी सैकंड ईयर के छात्र मनोज कुमार से विकास शुल्क के नाम पर 250 रुपए लेकर रसीद काटकर दी। रसीद का नंबर 3919 है। इसी तरह बीए सैकंड ईयर के छात्र विनोद, बीए पार्ट थर्ड के सौरभ शर्मा, एम प्रीवियस भूगोल के छात्र चंदन ने बताया कि भगवानदास तोदी स्नातकोत्तर महाविद्यालय लक्ष्मणगढ़ में प्राइवेट फॉर्म जमा करवाया था। कॉलेज डवलपमेंट चार्ज के रूप में 100-100 रुपए लिए और रसीद दी, लेकिन राशि नहीं लिखी थी।
श्री कल्याण राजकीय कन्या महाविद्यालय विकास समिति सीकर ने बीए सैकंड ईयर के प्राइवेट छात्र मनोज यादव से 300 रुपए लिए। राजकीय कला महाविद्यालय विकास समिति प्राइवेट स्टूडेंट्स से 300 रुपए वसूल रही थी। एसफआई ने प्रदर्शन किया तो 200-200 रुपए की रसीद काटना शुरू कर दिया। छात्र रमेश, भंवर, कृष्ण, सुरेश से 200-200 रुपए वसूले। साइंस कॉलेज सीकर ने अभिलाष पूनियां, मोनिका से 200-200 रुपए वसूले। आरआर मोरारका राजकीय महाविद्यालय विकास समिति झुंझुनूं में 100-100 रुपए की रसीदें काटी जा रही हैं।
*कुलपति बोले-परीक्षार्थियों से रुपए लेना गैर-कानूनी*
शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भागीरथ सिंह बिजारणियां ने कहा कि विश्वविद्यालय सरकारी और निजी कॉलेजों को प्राइवेट स्टूडेंट्स के परीक्षा फॉर्म एकत्रित कर यूनिवर्सिटी में जमा करवाने के प्रति छात्र आठ रुपए शुल्क दे रही है। हमने स्पष्ट लिखित निर्देश दे रखे हैं कि यदि कोई कॉलेज परीक्षार्थियों से रुपए लेगा तो उसे गैर कानूनी कृत्य माना जाएगा। संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। राजस्थान निजी कॉलेज संघ के प्रदेशाध्यक्ष नवरंग सिंह ने बताया कि प्राइवेट स्टूडेंट्स से फार्म एकत्रित करने के कार्य में निजी कॉलेज ही नहीं बल्कि सरकारी कॉलेज भी डवलपमेंट शुल्क ले रहे हैं। निजी कॉलेज यह शुल्क ले रहे हैं तो स्टूडेंट्स को हम सुविधाएं भी दे रहे हैं। फिर भी कोई इश्यू होगा तो हम आपस में बात करेंगे।