स्कूलों में हेल्थ एजुकेशन अनिवार्य कर सकती है सरकार: --
गहलोत बोले- केन्द्र और राज्य सरकार विचार कर रही है कि एजुकेशन में हेल्थ विषय को जोड़ा जाए
अशोक गहलोत ने एसएमएस हॉस्पिटल में बनाए जाने वाले आईपीडी ब्लॉक के शिलान्यास समारोह में पहुंचे थे।
केन्द्र और राज्य सरकार एजुकेशन में मेडिकल सब्जेक्ट को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। राज्य में भी प्राइमरी से बच्चों को हेल्थ से जुड़ी तमाम जानकारियां मिले। इसके लिए सिलेबस या सब्जेक्ट में कुछ बदलाव किया जा सकता है। इसके संकेत खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एसएमएस हॉस्पिटल में बनाए जाने वाले आईपीडी ब्लॉक के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए दिए।
गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ये विचार कर रही है कि एजुकेशन में हेल्थ विषय को जोड़ा जाए। ताकि बचपन से ही बच्चों में इसको लेकर जागरूकता आए। मैंने खुद एजुकेशन सेक्रेटरी को अपने यहां भी इस पर काम करने के लिए कहा है। ताकि बचपन से ही बच्चों को हेल्थ एजुकेशन मिल सके। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में आज हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर देश के सभी राज्यों से बेहतर है। हम जल्द ही विधानसभा में राइट टू हेल्थ का कानून भी लाने वाले हैं। ताकि लोगों को हेल्थ के प्रति सोशल सिक्योरिटी मिल सके।
आईपीडी टॉवर का मॉडल देखने पहुंचे अशोक गहलोत।
इससे पहले गहलोत ने एसएमएस हॉस्पिटल परिसर में बनाए जाने वाले आईपीडी टॉवर की नींव रखी। मेडिकल कॉलेज के खेल ग्राउंड में लगे मेडिफेस्ट एग्जीबिशन काे देखा। इस मौके पर गहलोत के साथ हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, नीति आयोग के अध्यक्ष डॉ. वी.के. पॉल, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, जाने-माने कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेश त्रेहान, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. शिव सरीन, नारायणा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. देवी शेट्टी मौजूद रहेंगे।
*एसएमएस का लोड कम करने के लिए खोलेंगे चार सेटेलाइट हॉस्पिटल*
गहलोत ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि इस समय एसएमएस हॉस्पिटल पर मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस दबाव को कम करने के लिए हमने जिले के चारो बाहरी इलाकों में 4 सैटेलाइट हॉस्पिटल खोलने की योजना बना रहे है। ताकि ग्रामीण अंचल से आने वाले मरीज वहीं इलाज करवाकर लौट जाए। इसके लिए हमने 100 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है।
मेडिकल कॉलेज के खेल ग्राउंड में लगे मेडिफेस्ट एग्जीबिशन काे देखा।
*डॉ. पॉल का सुझाव,* सिलिकोसिस मरीजों के लिए बने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
कार्यक्रम में आए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के पॉल ने मंच से सरकार को कई अहम सुझाव दिए। इसमें सबसे मुख्य सिलिकोसिस मरीजों के लिए आईपीडी टॉवर में ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डिपार्टमेंट खोलने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस बीमारी से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं। सरकार ने इस बीमारी के लिए पहले से ही पॉलिसी बना रखी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा हम हेल्थ सेक्टर को बढ़ावा देंगे। देश उतना ही मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कई नियम और शर्तो को कम कर दिया है। ऐसे में सरकार और मेडिकल सेक्टर से जुड़े लोगों का प्रयास रहना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोले।