प्यारे दोस्तों आज हम संवेगात्मक बुद्धि के बारे में अध्ययन करेंगे और जानेंगे कि संवेगात्मक बुद्धि किस तरह कार्य करती है और हमारे जीवन में संवेगात्मक बुद्धि का क्या कार्य होता है संवेगात्मक बुद्धि हमारे जीवन की सफलता के लिए कितनी जिम्मेदार होती है यह जानने का प्रयास हम इस पोस्ट के माध्यम से करेंगे ।
संवेगात्मक बुद्धि किसे कहते हैं --- ( sanvegaatmak buddhi kise kahate hain )
संवेगात्मक बुद्धि के संदर्भ में सबसे पहले विचार देने का श्रेय अमेरिकी विद्वान जॉन मेयर तथा पीटर सेलोकी को जाता है जिन्होंने 1990ई. में यह विचार दिया ।
उनके विचारों को समझते हुए अमेरिकी विद्वान डैनियल गोलमैन ने पहचाना एवं इसे संवेगात्मक बुद्धि के रूप में परिभाषित किया ।
संवेगात्मक बुद्धि के द्वारा व्यक्ति अपने संवेगो को समझ कर उनके उचित महत्व और उपयोगों को व्यवहार में लाता है तो इसे संवेगात्मक बुद्धि कहते हैं।
संवेग एक मनुष्य की प्रकृति का वह आधार है जो उसकी जन्मजात शक्ति के रूप में होते हैं तथा आवश्यक रूप से किसी भी कार्य के लिए प्रेरित करते हैं।
डेनियल गोलमेन :--- उचित समय पर उचित मात्रा में संवेगों को पैदा करना ही संवेगात्मक बुद्धि कहलाती है।
चौथी ई.पू. सदी में अरस्तू ने भी ऐसा ही विचार दिया था अरस्तु ने कहा था कि क्रोध करना आसान है परंतु उचित समय उचित मात्रा में क्रोध करना मुश्किल होता है
संवेगात्मक बुद्धि के आधार पर संवेग कितने प्रकार के होते हैं --
संवेगात्मक बुद्धि के आधार पर सामूहिक दो प्रकार के होते हैं
1. सुखद संवेग :-- वे संवेग जो व्यक्ति में खुशी पैदा करते हैं जैसे प्रेम, दया, प्रसन्नता... आदि । इनके प्रभाव से व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करता है एवं वह किसी भी परिस्थिति में समायोजन कर सफलता प्राप्त कर लेता है
2. दु:खद संवेग :--- वे संवेग जिनका जन्म दुख या परेशानी के कारण होता है जैसे -- क्रोध,भय, ईष्र्या, घृणा .... आदि । यह सभी कार्य के प्रति जल्दबाजी करने के लिए मजबूर करते हैं जिससे कि परिणाम दुखद ही आते हैं इनका प्रभाव कभी-कभी इतना निराशा पैदा कर देता है कि व्यक्ति आत्महत्या तक कर लेता है ।
डैनियल गोलमैन ने संवेगात्मक बुद्धि की पुस्तक कब लिखी --
1995 ई. में ।
डैनियल गोलमैन के द्वारा संवेगात्मक बुद्धि की पुस्तक का क्या नाम था --- संवेगात्मक बुद्धि, बुद्धि लब्धि से महत्वपूर्ण क्यों ?
इस पुस्तक के माध्यम से डैनियल गोलमैन ने संवेगात्मक बुद्धि को समझाया ।।
NOTES :---- संवेगात्मक बुद्धि व्यक्ति के जीवन में 80% सफलताओं के लिए जिम्मेदार होती है जबकि सामान्य बुद्धि लब्धि केवल 20% सफलता में योगदान देती है ।
जीवन में सफलता को प्राप्त करने के लिए संवेगो को नियंत्रित करते हुए आगे बढ़ना जरूरी होता है ।
संवेगात्मक बुद्धि का सूत्र क्या होता है :--- ( what is the formula for emotional intelligence )
संवेगात्मक बुद्धि ( E.Q ) ---
= संवेगात्मक आयु / वास्तविक आयु × 100
शैक्षिक लब्धि का सूत्र क्या होता है :--- ( what is the formula for academic achievement )
शैक्षिक लब्धि =
= शैक्षिक आयु (E.A) / वास्तविक आयु (C.A) ×100
उपलब्धि लब्धि का सूत्र क्या होता है :--- ( what is the formula for achievement )
उपलब्धि लब्धि =
= शैक्षिक आयु (E.A) / मानसिक आयु (M.A) × 100
