प्यारे दोस्तों आज हम शिक्षा मनोविज्ञान में शिक्षा के अधिकार का क्या महत्व होता है और शिक्षा का अधिकार कब लागू हुआ इसका अध्ययन करेंगे और शिक्षा के अधिकार की क्या भूमिका होती है शिक्षा के अधिकार की क्या धाराएं होती है और इसके साथ ही इसकी क्या अनुसूचियां होती है।।
शिक्षा मनोविज्ञान में शिक्षा के अधिकार(right to education) का क्या महत्व होता है :---
शिक्षा के अधिकार को हम इंग्लिश में राइट टू एजुकेशन कहते हैं इसका शॉर्ट नाम RTE-2009 से जानते हैं।।
सर्वप्रथम प्रारंभिक शिक्षा को लेकर देश में DPEP ( प्राथमिक शिक्षा अभियान ) 1994 ई. में शुरू हुआ तथा उसके विचारों/धाराओं को समझते हुए 1998 की देश के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की रूपरेखा के अनुसार 2000-2001 से सर्वशिक्षा अभियान शुरू हुआ।
वर्ष 2000 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के काल में 86 वां संविधान संशोधन हुआ और 1 दिसम्बर 2002 से शिक्षा का मौलिक अधिकार बना ।
NOTE :--- शिक्षा का मौलिक अधिकार कब बना :---
1 दिसम्बर 2002
यह उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 21-A में किया गया तथा सरकार व माता-पिता के लिए शिक्षा की व्यवस्था करने से संबंधित दायित्व का निर्धारण अनुच्छेद 51-A के उपबंध K में वर्णित किया गया ।
वर्तमान शिक्षा अधिनियम 2009 में संसद में पारित हुआ जिसके लिए महत्वपूर्ण तिथियां निम्न है।
1. राज्य सभा में पारित :--- 20 जुलाई 2009
2. लोक सभा में पारित :--- 4 अगस्त 2009
3. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद भारत सरकार द्वारा अधिनियमित :--- 16 फरवरी 2010
शिक्षा का अधिकार के निर्माण के समय देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल थे।
शिक्षा का अधिकार कब लागू हुआ था ( shiksha ka adhikaar kab laagoo hua ) :---
शिक्षा का अधिकार 1 अप्रैल 2010 को संपूर्ण देश में लागू हुआ था (जम्मू & कश्मीर राज्य को छोड़कर)
प्रधानमंत्री ने इसे लागू किया परन्तु RTE-2009 की धारा 38 कै अनुसार इसमें सभी राज्यों को अपने स्तर पर संशोधन करने का अधिकार है।
NOTE :--- विश्व में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने में भारत का कौनसा स्थान था :--- भारत का 135 वां स्थान था।
कौन सा पहला राज्य था जो RTE- 2009 की धारा 38 का सहयोग लेते हुए पहला संशोधन किया :--- राजस्थान राज्य पहला ऐसा राज्य था जो धारा 38 का सहयोग लेकर RTE 2009 में संशोधन किया और इस संशोधन करने के बाद राज्य में "नि: शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011" लागू किया गया । ( 1 अप्रैल 2011 से लागू हुआ)
इस संशोधन के समय हमारे राज्य के वित्त एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे।
RTE-2009 के मुख्य बिंदु क्या है :--
1. सभी गांवों एवं क्षेत्रों में विद्यालय की ढ़ाचागत व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा इसके लिए सरकारी विद्यालयों में सरकारी तंत्र ध्यान देगा, जबकि प्राइवेट क्षेत्र की विद्यालयों के लोग भी 3 वर्षों में सम्पूर्ण सुधार करेंगे अन्यथा उन संस्थाओं की मान्यता समाप्त की जायेगी।
2. कक्षा 1 से 5 तक के लिए अधिकतम 1km की दूरी पर तथा 6 से 8 तक के लिए अधिकतम 3km की दूरी पर विद्यालय की व्यवस्था होगी।
NOTE :--- वर्तमान में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की नीति के अनुसार देश के प्रत्येक गांव के बालकों हेतु माध्यमिक शिक्षा केन्द्र अधिकतम 5km की तथा उच्च माध्यमिक अधिकतम 7- 10 km की दूरी पर होना तय है।
3. इसी में तय किया गया कि 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं को प्रारंभिक शिक्षा (1 से 8 तक ) नि: शुल्क एवं अनिवार्य रुप से उपलब्ध करवायी जायेगी।
4. इसी कानून से अध्यापक पात्रता परीक्षा की व्यवस्था हुई जिसके तहत केंद्रीय स्तर पर सीटेट(CTET) एवं राज्यों में स्टेट(STET) नामक परीक्षाओं का आयोजन होता है।
5. कोई भी प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के संचालित नहीं होगा ऐसा पाए जाने पर दंडनीय समझा जाएगा तथा प्रतिदिन के हिसाब से उनको ₹10000 अर्थदंड देना होगा
6. प्राइवेट संस्थाएं बालकों के लिए प्रवेश परीक्षा के नाम पर शुल्क नहीं लेगी ऐसा पाए जाने पर ₹25000 तक का अर्थ दंड देना होगा।
RTE-2009 के कितने अध्याय है :--- RTE 2009 में कुल अध्याय 7 है।
अध्याय 1. :--- प्रस्तावना
अध्याय 2. :--- नि: शुल्क अनिवार्य शिक्षा अधिनियम
अध्याय 3. :--- समुचित सरकार, स्थानीय प्राधिकारी व माता-पिता के कर्त्तव्य।
अध्याय 4. :--- विद्यालय एवं शिक्षकों के उत्तरदायित्व
अध्याय 5. :--- प्रारंभिक शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार व उसे पूर्ण करना।
अध्याय 6. :--- बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005
अध्याय 7. :--- प्रकीर्ण
RTE-2009 में कौन कौनसी धाराएं हैं :---
धारा 3 :-- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 8 वी तक की नि:शूल्क शिक्षा।
धारा 4 :-- आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश देना
धारा 5 :-- एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण का बालक को अधिकार
धारा 6 :-- कक्षा एक से पांचवीं तक 1 किलोमीटर तथा छह से आठवीं तक 3 किलोमीटर
धारा 10 :-- माता पिता के दायित्व और कर्तव्य
धारा 12 :-- 25% सीटें गरीब दुर्बल वह वंचित वर्ग के बालकों के लिए आरक्षित
धारा 13 :-- विद्यार्थी से किसी भी प्रकार का डोनेशन वह कैपिटेशन फीस नहीं ली जाएगी तथा माता-पिता का साक्षात्कार नहीं होगा
धारा 16 :-- विद्यार्थी को विद्यालय से निष्कासित हुए रोका नहीं जाएगा जब तक की प्राथमिक शिक्षा पूरी ने कर ले।
धारा 17 :-- विद्यार्थी को किसी भी प्रकार का दंड नहीं दिया जाएगा
धारा 21 :-- प्रत्येक विद्यालय में एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) का गठन किया जाएगा जिसमें 16 सदस्य होते हैं
धारा 23 :-- अध्यापक की योग्यता का वर्णन
धारा 24 :-- शिक्षकों के उत्तरदायित्व
धारा 27 :-- शिक्षक को जनगणना आपदा राहत वह चुनाव कार्यो के अलावा नहीं लगाया जाएगा।
धारा 28 :-- कोई भी अध्यापक निजी शिक्षण नहीं करवा सकता
धारा 29 :-- पाठ्यक्रम सर्वांगीण विकास पर बल, मूल्य आधारित शिक्षा मातृभाषा में शिक्षा व गतिविधि पूर्ण शिक्षा पर बल
धारा 30 :-- आठवीं बोर्ड परीक्षा अनिवार्यता की समाप्ति
धारा 38 :-- राज्य सरकार अधिनियम में अपनी व्यवस्था के अनुसार आवश्यक संशोधन कर सकती है।
RTE में कौन कौनसी अनुसूचियां है :---
RTE अधिनियम में एक अनुसूची है जिसमें विद्यालय से संबंधित मानक निम्न बिंदु वर्णित है
अध्यापकों की संख्या :---
1. कक्षा 1 से 5 तक :--
60 बच्चों तक - 2 शिक्षक
61-90 बच्चों तक - 3 शिक्षक
91-120 बच्चों तक - 4 शिक्षक
121-150 बच्चों पर - 5 शिक्षक
151-200 बच्चों पर - 5 शिक्षक व 1प्रधानाध्यापक
200 से अधिक बच्चों पर -- 40:1
2. कक्षा 6 से 8 तक :--- इस स्तर पर छात्र शिक्षक अनुपात 35:1 रखें जाने की अनुशंसा की गई तथा 100 से अधिक छात्रों पर एक प्रधानाध्यापक का प्रावधान है।
शिक्षक का न्यूनतम कार्य दिवस कितना होता है :---
प्राथमिक स्तर (1-5वी) --- 200 दिन
उच्च प्राथमिक स्तर (6-8वी) --- 220 दिन
शिक्षण घण्टे :---
प्राथमिक स्तर :-- 800 कालांश
उच्च प्राथमिक स्तर :-- 1000 कालांश
शिक्षक के सप्ताह में न्यूनतम कार्य के घण्टे :-- 45 घण्टे
NOTE:-- शिक्षक का यह दायित्व बनता है कि विद्यालय में बालकों से लगभग पहले उपस्थित होना चाहिए एवं विद्यालय की छुट्टी के बाद कुछ समय रुकना चाहिए
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