प्यारे विद्यार्थियों आज हम मनोविज्ञान का मनोविश्लेषण का सिद्धांत का अध्ययन करेंगे।।
मनोविश्लेषण का सिद्धांत किसने दिया :---
( Who gave the theory of psychoanalysis )
मनोविश्लेषण का सिद्धांत का प्रतिपादक -- सिगमण्ड फ्रायड को माना जाता है इन्होंने यह सिद्धांत - 1900 ई. में दिया ।
फ्रायड के सिद्धांत को आधुनिक मनोविज्ञान का बड़ा आधार माना जाता है इसे शिक्षा में स्थापित करने का श्रेय इनके शिष्य जुंग ( युंग ) तथा इनकी पुत्री अन्ना फ्रायड को जाता है ।
फ्रायड ने अपने सम्पूर्ण सिद्धांत एवं विचारों में काम प्रवृत्ति को विशेष महत्व दिया है।
चेतना से संबंधित विचार किसने दिया :--- इससे संबंधित विचार सिगमण्ड फ्रायड ने दिया था।
इन्होंने मन की तीन अवस्थाओं का उल्लेख किया और उन्हें स्पष्ट करने के लिए बर्फ का उदाहरण दिया था।
इसमें चेतन मन 10% और अर्द्ध चेतन व अचेतन मन 90% बताया गया ।
इन्होंने कहा था कि अर्द्ध चेतन व अचेतन ही मनोविज्ञान की विषय - वस्तु होती है।
व्यक्तित्व निर्माण :---
सिगमण्ड फ्रायड के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्व 3 घटकों से मिलकर बना होता है।
ये घटक मनोविश्लेषण के अनुसार निम्न है :--
1. ID ( इदम् ) :---
यह घटक दमित इच्छाओं का भंडार होता है तथा शारीरिक इच्छाएं मानसिक इच्छाओं से प्रबल होती है जिसमें यह घटक सक्रिय होता है वह तत्काल फल की इच्छा रखता है व्यक्ति को सुखवादी सिद्धांत का भाव देता है पशुप्रवृति को जन्म देता है एवं विशेष रूप से बचपन में पाया जाता है / प्रभावशाली रहता है ।
2. EGO ( अहम् ) :---
यह घटक व्यक्तित्व में सबसे संतुलित घटक है जो व्यक्ति में शारीरिक व मानसिक इच्छाओं को संतुलित रखता है तथा यह मानवतावादी या वास्तविकता का सिद्धांत होता है इसमे व्यक्ति इंसानी भाव प्रकट करता है तथा सभी के लिए भला सोचता है विशेषकर युवावस्था में प्रबल होता है जो इदम् एवं परम अहम् में सदैव संतुलन बनाये रखता है ।
3. SUPER EGO ( परम अहम् ) :---
यह घटक व्यक्तित्व में आदर्शवादी भाव को पैदा करता है तथा शारीरिक इच्छाओं की अपेक्षा मानसिक इच्छाएं अधिक प्रबल होती है इसके प्रभाव से व्यक्ति में देवत्व भाव पैदा हो जाता है जो उसे बलिदानी, त्यागी बनाता है यह वृद्धावस्था में सर्वाधिक सक्रिय होता है तथा दूसरों के लिए जीना सिखाता है ।
महत्वपूर्ण बातें :--
1. इदम् व परम अहम् में संतुलन बनाने का कार्य अहम् का है ।
2. विवाह करना अहम् को दर्शाता है ।
3. यदि इदम् का आच्छादन परम अहम् पर है तो वह असंतुलन वाला व्यक्तित्व होता है। तथा ऐसी स्थिति में इच्छाओं का दमन करने पर व्यक्ति अपराधी बन जाता है ।
सिगमण्ड फ्रायड से संबंधित महत्वपूर्ण शब्द कौनसे हैं :---
1. नार्सिसिज्म :-- ( Narcissism )
फ्रायड के अनुसार शैशवास्था का बालक अपने - आप से प्रेम करता है इस स्वप्रेम के भाव को नार्सिसिज्म की संज्ञा दी जाती है ।
2. लिबिडो :-- ( libido )
फ्रायड के अनुसार एक बालक में जन्म से ही प्रेम , स्नेह , एवं काम भावना प्रबल रहती है इनको संयुक्त रूप से लिबिडो कहा जाता है । इसे ऊर्जा बल / जीवन शक्ति का नाम देने का श्रेय युंग/अन्ना/एरिक्सन को जाता है ।
3. ऑडिपस :-- Oedipus
फ्रायड के अनुसार बालक में विशेषकर बाल्यावस्था के समय पैदा होने वाली भावना होती है जो मां के प्रति आकर्षण का भाव प्रदान करती है तथा पिता के साथ विकषर्ण को जन्म देती है ।
4. इलेक्ट्रा :-- ( electra )
यह भावना बालिकाओं में प्रकट होती है जब वे बाल्यावस्था में होती है इससे वह अपनी मां के साथ कम एवं पिता के साथ अधिक स्नेह प्रकट करती है । और इसका प्रभाव बालिका में जीवन भर देखने को मिलता है ।
