व्यक्तित्व निर्माण के सिद्धांत :---
एक व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण किस प्रकार से होता है उसके लिए विद्वानों के द्वारा कुछ निष्कर्ष दिये गये है जिन्हें हम व्यक्तित्व निर्माण के सिद्धांत के रूप में जानते है । किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी समझ एवं सकारात्मकता के आधार पर ही निर्मित होता है।
शील के गुणों की संख्या कितनी है :-- इनकी संख्या 17953 है।
1. शील के गुणों का सिद्धांत किसने दिया :---
Who gave the theory of virtues of modesty?
यह सिद्धांत G.W. ऑलपोर्ट ने दिया था।
इनके अनुसार हमारा व्यक्तित्व शील के गुणों से मिलकर बनता है तथा शील के गुण 17953 होते है जिन्हें 4500 भागों में बांटा जा सकता है मूलतः ये शील गुण दो प्रकार के होते हैं जो निम्न है --
1. सामान्य शील गुण :---
वह गुण जो सामान्यतः प्रत्येक व्यक्ति में पाए जाते हैं एवं उन्हें सकारात्मक गुणों के रूप में जानते हैं
जैसे :-- दया , प्रेम , सहयोग .... आदि ।
2. विशिष्ट शील गुण :---
वे गुण जो व्यक्ति विशेष में पाये जाते है तथा व्यक्तिगत होने के साथ ही उसकी पहचान बन जाते है । इन्हें व्यक्ति सामाजिक वातावरण से भी अर्जित कर सकता है ।
जैसे :-- महावीर स्वामी में अहिंसा , मदर टेरेसा में सेवा का गुण
व्यक्तित्व निर्माण में R.B. कैटल का क्या विचार था :--
R.B. in Personality Formation What was Cattle's idea?
शील के गुणों को लेकर R.B. कैटल ने जो विचार दिये उसमें इन्होंने शील गुण के साथ विशेषक / विशेषता शब्द का उपयोग किया ।
व्यक्तित्व निर्माण में सतही विशेषक शब्द किसने दिया था - R.B. कैटल ने दिया था ।
सतही विशेषक :-- वे विशेषताएं जो सामान्य व्यवहार से ही पता लग जाती है।
जैसे :-- बातचीत का तरीका
स्त्रोत / मूल विशेषक :-- व्यक्ति में कुछ ऐसी मूल विशेषताएं होती है जो बहुत प्रयासों के बाद प्रकट होती है
जैसे :-- वास्तविक व्यवहार
कुछ व्यक्ति समाज में ऐसे होते है जो अपने आप को स्पष्ट वक्ता बताते है :--- इस स्पष्ट वक्ता को चक्र विक्षिप्त / जो आधा पागल होता है ।
R.B. कैटल ने अन्तिम रूप से कहा कि एक व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में 16 प्रकार के शील गुण पाये जाते है ।
R.B. कैटल ने इन 16 गुणों को जानने के लिए 16PF (व्यक्तित्व कारक ) नामक प्रश्नावली दी थी ।
व्यक्तित्व का माॅंग दबाव का सिद्धान्त किसने दिया :---
यह सिद्धांत हेनरी मुर्रे ने दिया था ।
इस सिद्धांत के अनुसार एक व्यक्ति अपने जीवन में जो भी आवश्यकताएं होती है उनकी पूर्ति करने की दिशा उस कार्य को करता है जिसके लिए वह दबाव महसूस करें । मुर्रे के अनुसार उसी के अनुसार उसका व्यक्तित्व निर्माण हो जाता है ।
मुर्रे ने सामाजिक वातावरण की लगभग 40 आवश्यकताएं मानी है जो हमें यह वह कार्य करने की दिशा देती है ।
इन्होंने व्यक्तित्व निर्माण से संबंधित मापन के लिए EEPS (एकवर्ड पर्सनल प्रोफ्रेन्स शेड्यूल ) मापन दिया जिसके द्वारा लगभग 15 कार्य एक साथ देखे जा सकते है ।
