प्यारे विद्यार्थियों आज हम मनोविज्ञान का क्रियात्मक अनुसंधान का अध्ययन करेंगे।।
क्रियात्मक अनुसंधान किसे कहते हैं :----
what is action research
समाज/समूह/परिवार/संस्था आदि में कई बार अचानक से कोई समस्या पैदा हो जाती है तो उसका तत्काल समाधान प्राप्त करने के लिए किये जाने वाले विशेष प्रयास या कार्य को ही क्रियात्मक अनुसंधान कहते हैं ।
क्रियात्मक अनुसंधान की शुरुआत कैसे हुई :----
How action research got started
क्रियात्मक अनुसंधान की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के समय हुई। इस शब्द का प्रयोग एवं उपयोग अमेरिकी विद्वान कोलियर के द्वारा किया गया ।
1946 ई. में कुर्त लेविन ने सबसे पहले सामाजिक वातावरण में क्रियात्मक अनुसंधान का प्रयोग किया ।
शिक्षा के क्षेत्र में इसका प्रयोग सबसे पहले स्टीफन एम कोरे के द्वारा किया गया । इसके लिए इन्होंने "विद्यालय पद्धति सुधार में क्रियात्मक अनुसंधान" नामक पुस्तक लिखी । यह पुस्तक इनके द्वारा 1953 ई. में लिखी गई । इसलिए शिक्षा में शुरूआत 1953 ई. से ही मानते हैं।
याद रखने योग्य बातें :--- things to remember
1. मौली नामक विद्वान ने लिखा है कि शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान को स्थापित करने का महान् दायित्व "स्टीफन एम कोरे" ने पुरा किया है ।
2. सबसे पहले क्रियात्मक अनुसंधान शब्द का उल्लेख 1926 ई. में बकिंघम ने भी किया था ।
स्टीफन एम कोरे के अनुसार :---
क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रकार से प्रयोगकर्ता/उपयोगकर्ता के लिए वह कार्य है जिसके द्वारा वह अकस्मात उत्पन्न समस्या का समाधान वैज्ञानिक तरीके से प्राप्त करता है ।
मुनरो के अनुसार :---
क्रियात्मक अनुसंधान समस्या समाधान की एक विधि है जिसके द्वारा प्राप्त होने वाले सुझाव आंशिक या पूर्ण रूप से तथ्यों पर आधारित होते हैं ।
मौली के अनुसार :---
विद्यालय में पैदा होने वाली समस्याओं में से कुछ समस्याएं तत्काल समाधान चाहती है उन समस्याओं का तत्काल समाधान प्राप्त करने का तरीका या विधि ही क्रियात्मक अनुसंधान है ।
क्रियात्मक अनुसंधान के क्या उद्देश्य है :---
what is the purpose of action research
1. विद्यालय में प्रधानाचार्य,शिक्षक, अन्य कर्मचारी आदि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समन्वय पैदा करना ।
2. विद्यालयों के परंपरागत / रूढ़िवादी ढांचे एवं प्रणाली को बदलकर सुधार करना ।
3. बालकों के वर्तमान व्यवहार में सुधार लाने का प्रयास ।
4. विद्यालय के यांत्रिक वातावरण को बदलकर वहां प्रजातांत्रिक एवं वैज्ञानिक वातावरण बनाना ।
5. विद्यालय में संपूर्ण वातावरण सुधार के द्वारा शैक्षिक विकास ।
क्रियात्मक अनुसंधान के क्षेत्र / पक्ष :---
Areas / Aspects of Action Research
1. शिक्षण सम्बंधित समस्याएं ।
2. बाल व्यवहार की समस्याएं ।
3. परीक्षा / मुल्यांकन सम्बंधित समस्याएं ।
4. विद्यालय संगठन / प्रबंधन समस्याएं ।
5. स्वास्थ्य एवं खेलकूद से संबंधित समस्याएं ।
6. पाठांतर समस्याएं ।
क्रियात्मक अनुसंधान के कितने सोपान होते हैं :--
How many stages of action research are there?
लेस्टर एण्डरसन के अनुसार क्रियात्मक अनुसंधान के 7 सोपान होते हैं ।
1. समस्या का ज्ञान
2. प्राप्त प्रस्तावों पर विचार - विमर्श
3. योजना का चयन एवं उपकल्पनाओं का निर्माण
4. तथ्यों का संकलन / संकलन विधि
5. कार्यो का क्रियान्वयन
6. तथ्यों पर आधारित निष्कर्षों की प्राप्ति
7. दुसरों के परिणाम देखना / समझना
क्रियात्मक अनुसंधान की क्या विशेषताएं हैं :---
What are the characteristics of action research
1. प्रधानाचार्य शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा ही पूरा कर लिया जाता है ।
2. सामान्य / तात्कालिक एवं छोटी समस्याओं के लिए ।
3. प्राप्त निष्कर्ष व्यवहारिक होते हैं सैद्धांतिक नहीं ।
4. इसकी प्रकृति / कार्य पद्धति में लचीलापन होता है ।
5. मूल प्रकृति व्यक्तिनिष्ठ होती है ।
6. समस्या दैनिक जीवन से संबंधित होगी ।
7. निष्कर्षों का सामान्यकरण आवश्यक नहीं है ।
क्रियात्मक अनुसंधान की क्या उपादेयता है :----
What is the importance of action research
1. विद्यालय वातावरण में सुधार ।
2. बाल व्यवहार में सुधार ।
3. व्यवस्थाओं में सुधार ।
4. कार्य प्रणाली में सुधार ।
5. विद्यालय में प्रजातांत्रिक वातावरण की स्थापना ।
6. शिक्षण समस्याओं का उचित समाधान ।
7. शिक्षक - छात्र संबंधों में मधुरता ।
8. कार्यों का समय पर एवं सार्थक होना ।
